सोला दूनी आठ..
पढ़ पढ़ कर पढ़ा भये, लिख लिख कर लॉट,
चुन्नू से पूछा हमने तो, चुन्नू बोले सोला दूनी आठ,
गुरूजी, सोला दूनी आठ, उलटा क्यों पढ़ाया पाठ,
बोले गुरूजी वेतन कर दो डबल, सीधा हो जाएगा पाठ,
गुरूजी का वेतन न कभी हुआ डबल, न सीधा हुआ पाठ,
पारंगत हो गए सभी चुन्नू, कैसे करते हैं सोला दूनी आठ,
पढ़कर सोला दूनी आठ, चुन्नुओं के हो गए ठाठ,
जब देते आठ गिनाते सोला, लेते सोला तो गिनते आठ,
डाल डाल पर बैठे हैं चुन्नू, तबसे करते सांठ गाँठ,
पर, गुरूजी बेचारों की, कभी न सीधी हुई खाट,
पढ़ पढ़ कर पढ़ा भये, लिख लिख कर लॉट,
चुन्नू से पूछा हमने तो, चुन्नू बोले सोला दूनी आठ,
गुरूजी, सोला दूनी आठ, उलटा क्यों पढ़ाया पाठ,
बोले गुरूजी वेतन कर दो डबल, सीधा हो जाएगा पाठ,
गुरूजी का वेतन न कभी हुआ डबल, न सीधा हुआ पाठ,
पारंगत हो गए सभी चुन्नू, कैसे करते हैं सोला दूनी आठ,
पढ़कर सोला दूनी आठ, चुन्नुओं के हो गए ठाठ,
जब देते आठ गिनाते सोला, लेते सोला तो गिनते आठ,
डाल डाल पर बैठे हैं चुन्नू, तबसे करते सांठ गाँठ,
पर, गुरूजी बेचारों की, कभी न सीधी हुई खाट,
अरुण कान्त शुक्ला,
१०सितम्बर, २०१३
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