ये जिगरा वालों का खेल है..
जिन्दगी
नहीं,
बीपी, सुगर, आईटेस्ट या एंजियोप्लास्टी कराने का नाम,
ये जिगरा वालों का खेल है,
जो जीते हैं इसे,
सर उठाकर स्वाभिमान और सम्मान के नाम,
कभी नहीं झुकता,
जिनका सर कभी,
बेईमानी,झूठ और अन्याय के सामने,
ठुकरा देते हैं जो सभी प्रलोभन,
नहीं फैलाते हाथ अपने,
नहीं माँगते कभी भीख हो या दान,
जिनका विवेक हमेशा रहता ज़िंदा,
बुद्धि जिनकी होती भीरुता से दूर,
नहीं होती पद की लोलुपता उनमें,
रहते हमेशा चापलूसी से दूर,
सच से रखते हमेशा नाता,
झूठे का करते हमेशा मुंह काला,
हो कितना भी दबाव,
या ज़िंदगी पर लग जाए कोई भी दांव,
नहीं करते गुमराह कभी किसी को,
मित्र हों, परिवारजन या हों कर्मचारी,
सडक हो या उनका घर,
या हो कार्यालय का द्वार
उनके संभाषण में नहीं होता,
लेशमात्र भी झूठ का सार,
ज़िंदगी नहीं,
बीपी, सुगर, आईटेस्ट या एंजियोप्लास्टी कराने का नाम,
ये ज़िगरा वालों का खेल है,
जो जीते हैं इसे,
सर उठाकर स्वाभिमान और सम्मान के नाम,
बीपी, सुगर, आईटेस्ट या एंजियोप्लास्टी कराने का नाम,
ये जिगरा वालों का खेल है,
जो जीते हैं इसे,
सर उठाकर स्वाभिमान और सम्मान के नाम,
कभी नहीं झुकता,
जिनका सर कभी,
बेईमानी,झूठ और अन्याय के सामने,
ठुकरा देते हैं जो सभी प्रलोभन,
नहीं फैलाते हाथ अपने,
नहीं माँगते कभी भीख हो या दान,
जिनका विवेक हमेशा रहता ज़िंदा,
बुद्धि जिनकी होती भीरुता से दूर,
नहीं होती पद की लोलुपता उनमें,
रहते हमेशा चापलूसी से दूर,
सच से रखते हमेशा नाता,
झूठे का करते हमेशा मुंह काला,
हो कितना भी दबाव,
या ज़िंदगी पर लग जाए कोई भी दांव,
नहीं करते गुमराह कभी किसी को,
मित्र हों, परिवारजन या हों कर्मचारी,
सडक हो या उनका घर,
या हो कार्यालय का द्वार
उनके संभाषण में नहीं होता,
लेशमात्र भी झूठ का सार,
ज़िंदगी नहीं,
बीपी, सुगर, आईटेस्ट या एंजियोप्लास्टी कराने का नाम,
ये ज़िगरा वालों का खेल है,
जो जीते हैं इसे,
सर उठाकर स्वाभिमान और सम्मान के नाम,
अरुण
कान्त शुक्ला,
7 सितम्बर,
2013
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