Thursday, November 23, 2017

तैरना आना पहली शर्त है

तैरना आना पहली शर्त है

नाव भी मैं, खिवैय्या भी मैं
लहरों से सीखा है मैंने
तूफां-ओ-आंधी का पता लगाना,

जो बहे लहरों के सहारे, डूबे हैं
तैरना आना पहली शर्त है
समंदर में उतरने की,

धारा के साथ तो बहते, शव हैं  
मैं शव तो नहीं
मुझे आता है दरिया पार करना,

तुम्हें मिला समंदर, तुम्हारी मिल्कियत नहीं  
छोटा सा कंकड़ डूबकर तालाब में
उठ्ठा देता है बड़ी बड़ी लहरें,

अरुण कान्त शुक्ला,
23/11/2017  
   
   


2 comments:

  1. लाज़वाब!एक सधी हुयी कविता.
    सादर

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  2. धन्यवाद, अपर्णा जी.

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