Friday, May 26, 2017

खुशी

खुशी

जख्म परायों ने दिए, 
मैं मुस्कराता रहा, 
जख्म तुमने दिए, 
मैं हँस दिया,

बेवफाई के दौर से गुजरते हैं सभी, 
मैं भी गुजरा,
बेवफाई जब तुमने की,
मैं हंस दिया,

गुम्बद मीनार पर चढ़कर,
इतराने लगा,
तब नींव का पत्थर,
उसके गुरुर पर हंस दिया,


मुश्किलें बहुत आईं जिन्दगी में,
मुस्करा कर झेल गया,
पर, जब मुश्किल तुमने पैदा की,
नादानी पर तुम्हारी हंस दिया,

अरुण कान्त शुक्ला
26/5/2017      



2 comments:

  1. बेहतरीन पंक्ति—
    गुम्बद मीनार पर चढ़कर,
    इतराने लगा,
    तब नींव का पत्थर,
    उसके गुरुर पर हंस दिया,
    वाह..
    सादर—
    चहलकदमी Chahalkadami: सचिन तेंदुलकर की बायोग्राफिकल मूवी Sachin: A Billion Dreams
    ---and---
    चारीचुगली : पर्यावरण ले जुरे हमर संस्कृति

    ReplyDelete
  2. धन्यवाद साहू जी..

    ReplyDelete