Thursday, July 10, 2014

चेहरे बदल जाते हैं..


चेहरे बदल जाते हैं..
लोग बदल जाते हैं ..
लोगों की फितरतें बदल जाती हैं..
शुक्र है तस्वीरें नहीं बदलतीं..
 

साथी बदल जाते हैं..
राहें बदल जाती हैं..
ख़्वाब बदल जाते हैं..
पर, शुक्र है यादें नहीं बदलतीं...
 

सोच बदल जाती है..
मंजिल बदल जाती है..
कोठियां बन जाती हैं..
पर, जिनकी कमाई से ये होता है..
उनकी मुफलिसी नहीं बदलती...


वादे बदल जाते हैं..
इरादे बदल जाते हैं..
चाहत बदल जाती है.. 
पर, दुनिया में रहते हैं..
कुछ ऐसे भी लोग तस्वीर की तरह..
जिनके चेहरे कभी नहीं बदलते...



अरुण कान्त शुक्ला
6जून, 2014  

2 comments:

  1. बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....

    सच कहती पंक्तियाँ .
    Recent Post …..दिन में फैली ख़ामोशी

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  2. संजय जी धन्यवाद..मैं आपकी साईट पर गया था ..आपके लेखन में ह्रदय को बींधने की कला है..बधाई

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